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मालकिन बनाम मां ……

सीधी बात
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मुझे किताबो की दुनिया में सैर करना हमेशा से ही अच्छा लगा है , बस इनसे दोस्ती करने भर की देर है ये हमेशा ही भरोसेमंद ,जानकारी तथा ज्ञान बढ़ाने वाली हमसफर के रूप में आपका साथ निभाने को तैयार रहती है | अभी हाल ही में एक “मलयाली कहानी” का हिंदी रूपांतरण पढ़ा मैंने “सांवली -मालकिन ” नामक यह कहानी एक सम्पन्न जमींदार द्वारा शोषित एक बंधुआ मजदूर की कथा है मगर किस तरह तमि नामक इस मजदूर को चंद रुपयों के कर्ज लेने के बदले बंधक के रूप में अपनी पत्नी को जमींदार के पास गिरवी रखना पड़ता है क्योंकि दाने -दाने के मुहताज तमि के पास न तो जमीन है न तो पशु और न ही गहने बेचारा गरीब आदमी अपनी पत्नी को हवेली में यह आश्वासन देते हुए छोड़ कर आ जाता है कि जब कभी मेरे पास कर्ज वापस करने लायक पैसे हो जांएगे तो तुम वापस आ जाना एक मां तथा पत्नी के रूप में तमि की पत्नी लक्ष्मी की लाचारी ,बेबसी तथा मानसिक अन्तर्द्वन्द को उकेरती हुयी यह कहानी मुझे अंदर तक छू कर चली गयी | अपनी बेटी के प्रश्नों का उत्तर देना , कहाँ है मेरी मां ? जब बच्ची लगातार तमि से सवाल करती है तो अपनी ही पत्नी को कुछ दिनों के लिए अपने घर वापस लाने के लिए उस लालची तथा दुष्ट जमींदार के पैर पड़ते हुए तमि को देखना वाकई बहुत तकलीफदेह और एक दबे ,कुचले व्यक्ति की दयनीय दशा को दर्शाता है | तरस खा कर एक दिन जमींदार की पत्नी तमि की बेटी को हवेली में बुलवाती है बेटी दिन भर अपनी मां के पास रहती है उसे अच्छा कपड़ा ,खिलौना दे कर लक्ष्मी विदा करती है रस्ते में तमि बेटी से पूछता है कि कैसी है तुम्हारी मां ? बेटी जवाब देती है वहां दो मालकिन थी एक जो मुझे दिनभर अपने साथ रखी थी खूब प्यार किया मुझे खूब बाते कि मुझसे बहुत मीठी आवाज थी उनकी कपडे उन्होंने अच्छे पहन रखे थे और वे सांवली सी थी मगर मुझे मेरी मां नहीं दिखी !
सच इस तरह की कहानी के जरिये समाज के विद्रूप चेहरे को दिखाने की कोशिश की गयी है मुझे नहीं पता यह कहानी किस समय की है लेकिन यह एक कडुवा सच है की समाज में हाशिये पर पड़े हुए लोग गरीब ,लाचार , अशिक्षित तथा विकास की सुविधा से वंचित हजारो लाखो लोग जो देश के किसी भी हिस्से में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है उन्ही में से किसी एक गरीब मजदूर या किसान को समानांतर रख कर इस तरह की कहानी लिखी गयी होगी
बदलते संदर्भ में जमींदार तो रहे नहीं मगर उनकी जगह अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ा कर बाहुबली विधायको और नेताओ ने ले ली है शोषण वे भी करते है अपने से कमजोर और लाचार वर्ग का और हर मामले को पैसे के दम पर रफा -दफा करना भी जानते है |

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