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जन -जन की आवाज , अन्ना के साथ (कविता )

सीधी बात
सीधी बात
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जन -जन की आवाज है |
अन्ना हम तुम्हारे साथ है ||
लिख दिया तुमने क्रांति की कथा |
आमआदमी के हृदय की व्यथा ||
तुम क्षीण काय-तुम कृशकाय |
बन गए विचारो से विशालकाय ||
क्या तुम हो आम व्यक्ति ! व्यक्ति ! व्यक्ति!
नहीं तुम हो भारत की शक्ति ! शक्ति ! शक्ति!
न कोई रक्त पात, न कोई नरसंहार |
भारत की मिटटी से उपजे तुम जैसे वीर हजार ||
किसने सोचा था यह आन्दोलन ऐसा होगा |
पूरा देश तुम्हारे पीछे -पीछे होगा ||
सारा देश त्रस्त ! त्रस्त ! त्रस्त !
नेता गण मस्त ! मस्त ! मस्त !
अन्न ,जल का त्याग करके |
नयी इबारत लिख रहे हो ||
नहीं जायेगा व्यर्थ परिश्रम |
राम -राज्य तो आएगा ||
अन्ना तुम संघर्ष करो |
देश तुम्हारे साथ है ||

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