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पवित्र सावन का महीना शुरू हो गया मंदिरों में शिवालयो में सभी भक्त अपने भोले भंडारी के ऊपर जल और बेलपत्र चढ़ा कर उनके प्रति अपनी भक्ति को दर्शाते है यह भी एक अद्भुत संयोग है कि राम ,कृष्ण और शिव जैसे देवता हर युग में अवतरित हुए तो मात्र इसलिए कि इन्हें मानव जाति का उद्धार करना था कहने को ये सभी देव तीनो लोक के स्वामी थे मगर इन्होने साधारण मानव कि भांति जीवन को व्यतीत किया देव में देव भगवान शंकर मात्र ओम में सारी सृष्टि को समाहित करते है वैसे तो हमारे प्रत्येक भगवान का अपना स्थान है मगर देवो में देव भगवान शंकर का पूरा परिवार पूजनीय है चाहे उनके गले में लटकी सांपों की माला हो या फिर शरीर पर लिपटी मृगछाला उनकी गाय नंदी या फिर पवित्र कैलाश पर्वत जहाँ वे माता पर्वती के साथ विराजमान होते है या फिर उनके पुत्र श्री गणेश या फिर कार्तिकेय सभी की पूजा होती है और सभी वन्दनीय है
सावन के महीने से ही सभी तीज त्यौहार शुरू हो जाते है चूँकि हम एक कृषि प्रधान देश में रहते है इसलिए मेघ देवता जब भी जल बरसाते है तो हर कोई खुश भी होता है प्रकृति भी अपने आप को इस बारिश की बूंदों में नहा कर मानो खुश हो जाती तभी तो हिंदी फिल्मो में सावन को ध्यान में रख कर कितने ही गाने बने और वे सुपर -डुपर हिट भी हुए खैर बात यहाँ भगवन शंकर की हो रही है वे देवो में देव है पूरी सृष्टि इसी ओंकार में ही समायी हुयी है
ओम नमः शिवाय
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