Menu
blogid : 1448 postid : 196

असमानता हर स्तर पर है इसलिए कुपोषण बढ़ रहा है “जागरण जंक्शन फोरम”

सीधी बात
सीधी बात
  • 103 Posts
  • 764 Comments

कोई भी योजना हो यदि सुचारू पूर्वक लागू न किया जाये तो कुपोषण ही क्यों ? हर स्तर पर असमानता दिखाई देगी हमारा देश तो खैर इस मामले में अव्वल ही है खुद इस देश के एक पूर्व प्रधान मंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा था की एक रुपया भी यदि किसी को देना हो तो उस जरुरतमंद तक पहुँचते पहुँचते वो पच्चीस पैसा बन जाता है ! उसी तरह से यह खाद्य वितरण योजनाये भी है जो भले ही लाखो टन गेंहू सड़ जाये बर्बाद हो जाये मगर जरुरतमंद तक वह नहीं पहुँच सकता सच में इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रयास बहुत जरुरी है भूख और कुपोषण को ले कर जो भी आंकड़े जारी किये गए है उसके अनुसार हमारे देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओ से लेकर पीने के पानी तक का समुचित प्रबंध न होने के कारण कुपोषण जैसी समस्याए स्वभाविक रूप से सिर उठाएंगी फिर सरकारी स्तर पर जो भी प्रयास किये जारहे है उसमे से एक है ICDS Integrated Child Development सर्विसेस मगर इनमे से कितनी ही जगह अभी भी रिक्त है इसी तरह से आंगनवाडी के तहत चलायी जाने वाली स्कीम के अंतर्गत कितनी जगहे रिक्त भी है और इन स्कुलो के लिए समुचित जगह न होने के कारण इनकी दशा दयनीय है प्रथम
खाद्य सुरक्षा विधेयक के अंतर्गत देश के दो -तिहाई आबादी को सस्ता अनाज मिल सकता है परन्तु इस विधेयक को ले कर भी कई चुनौतियाहै प्रथम बात खरीद मूल्य के लिए एक साथ बड़ी रकम चुकाना मुश्किल कम होगा दूसरी , बात कृषि के पारम्परिक ढांचे में बदलाव करके कृषि उत्पादन को बढ़ाना अतः खेती तथा कृषि में निवेश को बढ़ाना होगा भूख और कुपोषण से छुटकारा पाने के लिए राज्य प्रशासन स्तर पर बदलाव जरुरी है इसके लिए पंचायत को मजबूत और उत्तरदायी बनना होगा ताकि खाद्यान्न की बड़े पैमाने पर सरकारी खरीद विकेंद्रीकृत तरीके मुमकिन हो सके |
लोक कल्याणकारी कार्यक्रम जैसे मिड डे मील स्कीम ,गर्भवती महिलाये व् स्तनपान करने वाली माता को समन्वित बाल विकास सेवा , स्वास्थ्य सेवा स्वच्छ पीने का पानी इस महत्त्वाकांक्षी योजना के महत्त्वपूर्ण घटक है राज्यस्तर पर इन योजनाओ को जोड़ना आसान है परन्तु इन्हें जिला स्तर ,ब्लॉक व् पंचायत पर जोड़ना एक बड़ी चुनौती है | जबतक कि स्थानीय सरकारी संस्थाए व् जिला अधिकारी इस कार्यक्रम के प्रति उत्तरदायी नहीं होंगे तब तक सारी योजनाये धरी की धरी रह जाएँगी क्योंकि इस बात की गारंटी नहीं मिल सकती है की करोडो रूपये खर्च करने के बाद भी भूखमरी की स्थिति और कुपोषण की परिस्थिति बदल जाएगी |
देश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली बेहद ख़राब है अतः सर्कार को इस पर नजर रखनी होगी उसी प्रकार देश की स्वास्थ्य सेवाओ को भी दुरुस्त करना जरुरी है यदि हम पोलियो मुक्त भारत बना सकते है तो कुपोषण मुक्त बचपन और भारत क्यों नहीं ? ????

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh