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होली की ठिठोली !

सीधी बात
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उनके आने की चर्चा मात्र से पूरे घर में उनके स्वागत की तैयारिया जोर शोर से शुरू होजाती थी अरे भाई ! हो भी क्यों न आखिर घर के बड़े दामाद जो ठहरे सासुमाँ के आदेशो की झड़ी लग जाती थी भाई कोई कमी नही रहनी चाहिए मनपसन्द खाना और पकवान रोज बनना चाहिए उनके ठहरने से ले कर उनके आराम तक की जिम्मेदारी घर के हर सदस्य के जिम्मे आ जाती वह क्या आते घर में जैसे जश्ने बहार आ जाती खैर आखिरकार वह खुशनसीब पल आ ही गये और महान हस्ती अर्थात ‘जीजा जी ‘अर्थात ‘दामाद जी ‘ का आगमन हो ही गया घर की बहुए स्वागत में लग गयी साले -सालियाँ भी उनके स्वागत में लग गये जीजा जी ,जीजा की स्वर लहरियां घर के कोने -कोने में गुंजायमान होने लगी उनकी फरामयाशे पूरी की जाने लगी होली का दिन नजदीक होने के कारण घर में काम बढ़ाहुआ था बड़ी बहु अचार, पापड़ तथा चिप्स बनाने में लगी थी तो मंझली रसोई सम्भालने में छोटी बहु घर की साफ -सफाई तथा ऊपर के और छोटे -मोटे कामो में लगी थी जीजा जी तरह -तरह के व्यंजनों का लुत्फ़ तथा मजेदार बातो का आनन्द ले रहे थे तभी तभी छोटी साली ने सोचा की चल कर थोडा रंग जीजा जी पर डाल कर उन्हें तंग करे इधर साली ने रंग फेका उधर जीजा जी बजाय खुश होने के गुस्साने लगे भाई ये क्या बात हुयी ? मुझे रंग- वंग पसंद नही है बस कहने लगे मुझे अब वापस जाना है बेचारी छोटी साली ने तो इतना सोचा ही नही था बड़ी दीदी भी उसे डांटने लगी उधर जीजा जी को सभी मनाने में लग गये बच्ची है जाने दीजिये आप होली भले ही मत खेलिए मगर त्यौहार छोड़ कर मत जाइये इधर छोटी बहू सोचने लगी यह क्या बात हुयी भला अब होली में रंग नही खेलेंगे तो भला कैसी होली उसने सोच लिया की होली की सुबह सुबह जीजा जी को रंगो से सराबोर करना ही है बस फिर क्या था होली की सुबह रंगो की बाल्टी लिए कमरे के बाहर छोटी बहू तैनात हो गयी की कब उनके कमरे का दरवाजा खुले और बस जीजा जी को रंग दे इधर जीजा जी के कमरे का दरवाजा खुला और दीदी बाहर निकली उधर छोटी बहू कमरे में दबे पांव दाखिल हो गयी मगर हाय ये क्या अंदर का नजारा देख कर वह हैरान की रातो रात भला जीजा जी कैसे बदल गये ! उसने ध्यान से देखा तो उनके बालो का विग छोटी मेज पर रखा था और टकले जीजा जी गहरी नींद में सो रहे थे छोटी भाग कर गयी मंझली को बुला लायी और मंझली बड़ी बहू को फिर बड़ी मुश्किल अपनी हंसी दबाते हुए तीनो बिना रंग डाले बाहर आ कर खिलखिलाकर हंस पड़ी समझ में आ गया की आज दिन भर जीजा जी कमरे से न निकलने वाले है न उनके साथ होली खेला जा सकता है

( होली की ढेर सारी शुभकामनाओ के साथ )

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