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गुस्सा अगर प्यार बन जाये !!

सीधी बात
सीधी बात
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गुस्सा तो हर किसी को आता है भाई आये भी क्यों न ! यही तो एक बात है जिसके लिए जरा भी कोशिश करने की जरुरत ही नहीं बस रस्ते चलते आपके गाड़ी को किसी ने टक्कर मारी और आप तैयार और इत्तफाक से बेचारा कही वह रिक्शा वाला हुआ तो फिर तो उसकी शामत आने में देर न लगेगी पूरा राशन -पानी ले कर चढ़ बैठेंगे वह भी बेचारा हालात का मारा चुपचाप आपकी डांट फटकार सुन लेगा अगर फर्ज कीजिये इससे उल्टा हो जाये आपकी गाड़ी को टक्कर लग जाये और आप गाड़ी से उतर कर रिक्शे वाले से कहे भैया एक ही बार टक्कर क्यों मारा एकाध और मार लो उसका हाथ पकडे प्यार से उसकी पीठ थपथपाए कहे जाने दो इन्सान ही तो हो गलती मेरी ही थी मुझे तुमको रास्ता देना चाहिए था सच बस सिर्फ आप सोच कर देखिये छोडिये आगे बढ़ते है मान लीजिये आप ऑफिस से बॉस की डांट खा कर आ रहे है ( अब आप यह मत कहियेगा कि भला बॉस को गुस्सा क्यों आया ?अरे भाई वो तो बॉस ठहरा कमबख्त को गुस्साने का लाइसेंस मिला है !!) हम तो आप और हम जैसे साधारण लोगो की बात कर रहे है खैर ! बात को आगे बढ़ाते है माना कि उस समय आप कि धर्मपत्नी आप के लिए प्यार से ( वैसे दुनिया की कोई पत्नी प्यार से पति के लिए खाना नहीं बनाती मज़बूरी में ही बनाती है !!)खाना लाये और उस में नमक ज्यादा रहे तो भला खा कर गुस्साने की जगह प्यार से कहिये प्रिय तुमने नमक डाल कर कढचुल की जगह अपने हाथ से कई बार खाने को हिला दिया क्या !! हाय बेचारी धर्मपत्नी कितनी खुश हो जाएगी बस एक दिन के लिए गुस्से को छुट्टी दे दीजिये फिर देखिये आपका दिन कितना बढ़िया गुजरता है | फर्ज कीजिये आपके बेटे या बेटी का रिजल्ट बहुत अच्छा नहीं आया गुस्साने की जगह उससे कहिये अरे बेटा तुम तो रिजल्ट ला कर कम से कम दिखा रहे हो अपना रिजल्ट तो कभी हमने अपने माँ -बाप को दिखाने का झंझट ही मोल नहीं लिया !! वह तो जब कालेज का नया सत्र शुरू होता था तो एक ही क्लास में दुबारा जाने पर घर वालो को शक होता था की कमबख्त पिछले साल भी तो इसी क्लास में था हाय अपना कलेजे का टुकड़ा पास भी न हुआ ! सोचिये आपके बेटे /बेटी को कितना आत्मबल मिलेगा की हम तो बेकार ही डर रहे है हमारे पैरेंट्स तो बड़ी पहुंची हुयी चीज है ! सबसे अच्छी बात अगर हमारे राजनीतिक दल यही फार्मूला अपना ले ( वैसे राज की बात तो यही है कि सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे है ) किसी भी बात का विरोध करने की बजाय एक दूसरे से यही कहे अरे, बेकार परेशान हो रहे है आप डाल-डाल तो हम पात-पात हमारा भी वक्त आएगा हम आप से भी ज्यादा देश को लूटेंगे सच इतनी एकता हो जाये तो अपनी एकता कपूर भी सास बहू का सीरियल बनाना भूल जाये बस गुस्से को थोडा प्यार बनाने की कला सीखिए फिर जीवन में इतना आनन्द आएगा कि किसी भी साधू -महात्मा के दरबार में जाने कि आपको जरुरत ही नहीं पड़ेगी !! अपनी तो आदत है बिना मांगे राय देनी की भूल हो गयी हो तो माफ़ कीजिये कैसा लगा जरुर बताइयेगा अभी तो और पकाना बाकी है आप सब को !!!!!!!

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