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चैत्र नवरात्र नवसंवत्सर अर्थात नये वर्ष पर हार्दिक बधाइयाँ !!

सीधी बात
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हिन्दू तिथि के अनुसार नये साल का आगमन हो गया देश के हर हिस्से में आदिशक्ति माँ की पूजा अर्चना करके हम इस नए साल के आगमन का उत्सव मनाते है महाराष्ट्र में आज के दिन गुडी पाडवा मनाया जाता है कितनी वैज्ञानिक है नए साल की यह अवधारणा एक तो फसल कटने पर मोटे अनाजो की उपयोगिता क्या है यह हमारे त्योहारों के मनाये जाने के कारण स्पष्ट हो जाता है दूसरा जब मौसम बदलते है तो चूँकि हम एक कृषि प्रधान देश नागरिक है तो यहाँ का मुख्य रोजगार भी कभी कृषि ही होता था तो ज्यादातर त्यौहार हमारे फसलो के काटने और उन्हें बेच कर भरपूर आय होने के उपलक्ष्य में ही मनाये जाते है इस त्यौहार की सबसे बड़ी विशेषता नीम के नये कोपलो के साथ मिश्री खाने के साथ जुड़ा है | मिठास तथा कड़वाहट दोनों का हमारे जीवन में बहुत मत्त्व है इसी बात का प्रतीक है नीम के साथ मीठा खाना तथा नीम हमारे शरीर के अंदर की बीमारियों से लड़ने में मदद करता यह बात तो वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध हो चुका है | नीम एक ऐसा पेड़ है जो हर घर के आंगन में पाया जाता था विकास की अंधी दौड़ में घर की जगह फ़्लैट सिस्टम का चलन तो बढ़ा ही अब तो नीम के पेड़ भी गाहे -बगाहे सडको के किनारे दिख जाते है इस नीम के पेड़ो के रहने से छोटी मोटी बीमारियों का इलाज घरो में ही हो जाता था वातावरण भी शुद्ध और साफ रहता था | सबसे बड़ी बात की हम ज्यादातर त्यौहार पूजा -पाठ और व्रत -उपवास के साथ मनाते है व्रत रहने से संयम तथा अपनी जिह्वा के साथ -साथ आन्तरिक इन्द्रियों पर भी आत्मानुशासन का पाठ हम पढ़ते है आज हम एक नये तरह की असंतुष्टि का माहौल जो देख रहे है उसकी जड़ में कही न कही संतुष्टि के साथ जुड़ा एक विचार था वह कही खो गया है हालात इतने बुरे हो चुके है कि जैसे एक पत्नी पति से नहीं संतुष्ट है वही बच्चो के अन्दर अपने पैरेंट्स कि कम आमदनी से शिकायत है कहने का तात्पर्य व्रत -उपवास से कोई किसी को प्रभावित नहीं करता है अपितु अपने आप को थोडा दृढ बनाता है आप देखिये आज मोटापे कि समस्या एक बड़ी समस्या बन करके सामने आ रही है यह समस्या तो पश्चिमी देशो में पाई जाती थी भारत में इतना शारीरिक श्रम का महत्त्व है कि उसके चलते यह समस्या तो होनी ही नहीं चाहिए मगर वाह ! रे , हमारी नक़ल की प्रवृत्ति जंक फ़ूड का ऐसा क्रेज बढ़ा है कि अब रेस्टारेंट तथा होटलों में जा -जा कर खा -खा कर बीमार पड़ते है फिर डाक्टरों की जेब भरते है | यदि हम फिर से अपनी भारतीय पद्धति को अपनाना शुरू कर दे हमारी संस्कृति तथा सभ्यता में इतनी ताकत है कि वह भटके हुए लोगो को राह दिखा देगी अब मै लिखना खत्म करती हूँ माता का आशीर्वाद सब पर बना रहे नया वर्ष आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ लाये नया वर्ष मंगलमय हो !!

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