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मूल्यवान वस्तु का मूल्य

सीधी बात
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हिमन देख बडेंन को लघु न दीजिये डारी, जहाँ काम आवै सुई कहाँ करे तरवार ‘ | अगर हम सिर्फ अच्छी और कीमती वस्तुओ का संग्रह करते रहे और अन्य चीजो को नजरंदाज कर दे तो स्थिति विकट हो जाएगी जैसे सुई का काम वस्त्रो के सिलाई के काम आता है वहां पर तलवार का कोई काम नहीं वैसे ही युद्ध के मैदान में वीर पुरुषो की शोभा भले ही तलवार को धारण करने के कारण बढ़ता हो दुश्मनों को पराजित करने में सुई की कोई भूमिका नहीं होती है इसलिए एक वस्तु का विकल्प दूसरी वस्तु नहीं हो सकती मगर हर वस्तु का मूल्य तो अपने आप में बेमिसाल है | दूसरा उदाहरण शून्य जैसे संख्या को ले कर दिया जा सकता है अपने आप में इस शून्य का कोई मूल्य नहीं मगर यही शून्य जब किसी भी दूसरे अंक के साथ जुड़ जाता है तो उसका मूल्य बढ़ जाता है | जैसे पति -पत्नी जब एक -दूसरे के साथ मिल कर कोई भी निर्णय लेते है तो उस निर्णय का मूल्य बढ़ जाता है इसलिए परिवार जैसी संस्था का विचार बहुत मायने रखता है बहुत सी बाते हमारे जीवन में अर्थहीन होते हुए भी उस समय अर्थ पूर्ण हो जाती है जबकि हम किसी की बातो को गंभीरता से ले या कोई हमारी बातो को गंभीरता से लेना सीख जाये इसलिए अपने को मूल्यवान मानने की शुरुआत करने से पहले अपने को गंभीर बनाने का अभ्यास शुरू करना चाहिए पूरा व्यक्तित्व निर्भर करता है आपकी बात व्यवहार तथा सलीके को ले कर अपने को तरजीह देना बहुत जरुरी है | कोई भी वस्तु अगर मूल्यवान है तो उसकी कीमत सदैव बनी रहेगी जैसे हीरा कोयलों के भंडार में पाया जाता है मगर उसके मूल्य की कीमत तो जौहरी ही लगा सकते है | जो भी कीमती वस्तु है वह चाहे किसी भी रूप में हो सभी को स्वीकार्य होगी जैसे प्रतिभाशाली व्यक्तित्व | गरीबी से जुझते हुए भी अनेक महान लोगो ने अपनी प्रतिभा के बल पर अपनी योग्यता को सिद्ध किया वे आज के दौर में भी प्रासंगिक है चाहे वह हमारे पूर्व प्रधानमन्त्री लालबहादुर शास्त्री हो या फिर मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम जैसी महान हस्तिया

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